Bitter Gourd Plant को ऐसे उगाये और पायें दस गुना ज्यादा पैदावार

 Bitter Gourd Plant परिचय

Bitter Gourd जिसे हिंदी में करेला के नाम से भी जाना जाता हैं , जैसा कि यह आमतौर पर पुरे भारत भर में खेती और साथ ही साथ भोजन में एक मुख्य सब्ज़ी के रूप में जाना जाता है, इसका स्वाद बेहद कड़वा लेकिन बहुत ही पौस्टिक और स्वादिस्ट होता हैं जिसके कारण विभिन्न भारत के क्षेत्रीय व्यंजनों में पसंदीदा माना जाता है।

करेले के बीज को उगाना बिलकुल ही आसान काम है, यह वैसे तो गर्मियों में प्रचुर मात्रा में फल दने में काफी सछम हैं लेकिन जो आज हम आपको विधि बताने जा रहें हैं उससे आपकी सब्जी की टोकरी पूरे साल भरी रहेगी ।

करेला में आयरन, फाइबर, विटामिन ए , विटामिन सी और पोटेशियम बहुत ही अच्छी मात्रा में पाया जाता हैं , जिसके कारण यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने और पाचन में सुधार करने में काफी सहायक होता है। इसमें कुनैन नामक एक यौगिक भी होता है जिसके कारण यह कड़वा स्वाद देता है। करेला प्रेमियों को ताजे तोड़े गए करले की कड़वाहट और इसके बीज़ की कुरकुरापन काफी पसंद आ सकती है, लेकिन अन्य लोग जो इसे काम पसंद करतें हैं वो इसके तीखेपन को काफी हद तक कम करने के कोशिस करतें हैं।

करेला यानि Bitter Gourd Plants एक लंबे बेल वाला पौधा है जो गर्मियों की तेज धूप में खीरे या खरबूजे की तरह उगता रहा है। करेले की बेलें काफी लंबी हो सकती हैं। इसलिए इसको काम जगह में उगाने के लिए पौधे की नियमित रूप से छंटाई करते रहने और ऊर्ध्वाधर रूप से उगाने की नई तकनीक इजात किया गया हैं । करेले की पत्तियाँ प्रमुख रूप से किनारो से मुड़ी हुई होती हैं, और इसके फलों की त्वचा मस्सेदार ,मुलायम और अत्यधिक पसलियों वाली खुरदरेदार होती है। त्वचा के अंदर वाला भाग मलाईदार सफेद और बीजों से भरा दृढ़ होता है।

Bitter Gourd Plant को इस विधि से उगाकर आप इसकी पैदावार को दस गुना तक बढ़ा सकतें है ,क्योंकि इसमें लगेगी कम ज़मीन और बेहद कम खर्च और साथ ही साथ आपको मिलेगा बेहतरीन पैदावार।

Bitter Gourd Plants को वैसे तो पूरे साल भर उगाया जा सकता हैं। यह विधि एक वैज्ञानिक विधि हैं जिसे हमारे एक्सपर्ट्स ने करले के फ़सल को उगाने में अपनाया हैं। इस विधि से करले की खेती करके आप फ़सल की पैदावार को दस गुना तक बढ़ा सकतें हैं। क्योंकि इसमें जो तरीका अपनाया गया हैं, वो काफ़ी सरल और कम खर्च वाला हैं।

Bitter Gourd Plants


Bitter Gourd Plants को उगाने की विधि

सबसे पहले करले के बीज़ को साफ़ पानी के अंदर २४ घंटे के लिए भिगोकर रख ले जिससे की बीज़ अच्छे से नरम हो जायेंगें और अंकुरण में कोई परेशानी भी नहीं होगी। २४ घंटे के बाद बीज़ को पानी से बाहर निकालकर उसे सूती कपड़े में बांधकर 12 घंटे के लिए गर्म स्थान जहा धुप न लगे ऐसे स्थान पर रख दे जिससे कि बीज़ अच्छे से अंकुरित हो जायेंगें। धिकांश गर्मियों की मौसमी सब्जियों की तरह ही करेले (Bitter Gourd Plants ) को आप अपने अपने किचन गार्डन या छत पर या फिर खेत में उगाना आसान है। Bitter Gourd Plants को बहुत अच्छी तरह से विकसित होने के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु की आवश्यकता होती है। Bitter Gourd Plants को ऐसे जगह पर लगाएं जहां प्रतिदिन कम से काम 6 से 8 तक अच्छी धूप मिलती हो। मिट्टी का तापमान 15 से 20℃ रहने से बीजों को अंकुरित होने में 8 से 10 दिन लगेंगे और करले के पौधे में फल लगने में लगभग 60 से 80 दिन लगेंगे।

Bitter Gourd Plant


Bitter Gourd Plants के लिए मिटटी की तैयारी

करले के फ़सल को अच्छे से उगाने के लिए जो आप मिटी का चयन करें उसमे PH की मात्रा अच्छी होनी चाहिए क्योंकि करले फ़सल की अच्छी पैदावार और Bitter Gourd Plants के अच्छे से विकाश के लिए यह काफ़ी महत्वपूर्ण हैं। बीज़ को मिटटी में डालने से पहले मिटटी को अच्छे से एक फ़ीट तक खुदाई करके अच्छे से भुरभुरा बना ले और मिटी से सभी खरपतवार साफ़ कर ले जिससे की करले के बीज़ को उगने में कोई परेशानी न हो और कीटो से बीज़ सुरक्षित रहें। इसके बाद बीज़ को कपड़े से निकल ले और करीब आधे -आधे फ़ीट की दुरी पर तीन सेंटीमीटर गहराई में बोयें ध्यान रहें बीज़ एक लाइन में होने चाहियें और दूरी भी सामान होनी चाहिए। बीज़ एक हफ्ते से लेकर दस दिन में Bitter Gourd Plants ज़मीन से बाहर निकल आएंगे।

Bitter Gourd Plants को फ़ैलाने की व्यवस्था

पौधों के बाहर निकलने के साथ के साथ अब आपको इनके फैलाने के लिए उचित व्यवस्था करनी होगी। जैसे हमने बताय आपको बीज़ एक लाइन में होने चाहिए ऐसा इसलिए की बीज़ बोए जाने वाली लाइन के दोनों किनारो पर दो मज़बूत खम्भे लगाइये और दोनों खम्भों के बीच प्लास्टिक की रस्सी से एक जाल बना देना हैं , जिसके सहारे Bitter Gourd Plants ऊपर की ओर चढ़ेंगें। ध्यान रखें की खम्भों की लम्बाई करीब 7 फ़ीट की रखें जिससे करले के पौधों का विकास अच्छे से हो सके।

Bitter Gourd Plant


Bitter Gourd Plants की निगरानी एवं रखरखाव

Bitter Gourd Plants में पानी की कमी बिलकुल भी नहीं होनी चाहिए पौधे में पानी हर दूसरे दिन देना अनिवार्य हैं । हर पन्दरह दिन पर पौधों के जड़ों के आस पास खुदाई करनी हैं और उसमे यूरिया के ५ दाने और डाई के ५ दाने डालने हैं, हर एक पौधे में और जब पौधा १ मीटर लम्बाई का हो जाये तो इसके पुराने पतों को किसी धारदार हथियार से काटकर निकल देना हैं ये इस बात का ध्यान देतें हुए कि पौधे में पांच से सात पते बचे रहें जिससे की वो प्रकाश सश्लेषण की क्रिया लगातार करतें रहें और उनकी ग्रोथ अच्छी होती रहें। देखतें ही देखतें करीब ६० से ८० दिनों के भीतर Bitter Gourd Plants में फूल और फल लगने शुरू हो जायेंगें और आप की पैदावार भी धीरे-धीरे दस गुना तक बढ़ जाएगी। इस विधि में ध्यान दे की खरपतवार आपके खेत में बिलकुल भी नहीं होने चाहिए और रख रखाव भी नियमानुसार होना चाहिए। और यदि किट पतंगे पौधे पर लग रहें हैं तो उसमे हर पंदह दिन पर कीटनाशक का भी छिड़काव करें।

Bitter Gourd Plants की महत्वपूर्ण बातें

पानी

पानी जैसे मनुस्य के लिए आवश्यक हैं वैसे ही पेड़ -पौधों के अच्छे विकास के लिए करेले की जड़ो को समान रूप से नम रखना आवश्यक है। सुबह या शाम के समय जब मिट्टी छूने पर सूखी लगे तो हर दो दिन पर इसमें पानी डाले।

मिट्टी

करेले के बीज़ के अच्छे विकाश के लिए 5.5 से 6.5 के बीच पीएच वाली मिट्टी में पुरानी खाद के साथ मिश्रित पोषक तत्वों से भरपूर अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी ज्यादा फायदेमन्द होती है।

उर्वरक

Bitter Gourd Plants को बोने से पहले मिट्टी में खाद को अच्छे से मिलाकर तैयार करें। करले के पौधे के विकास के दौरान, ऊपर दिए गए ऊर्वरक का उपयोग साइड ड्रेसिंग के रूप में लिया जा सकता है या यदि मिट्टी बहुत ही ज्यादा उपजाऊ नहीं है तो कॉम्फ्रे या समुद्री शैवाल चाय को भी उपयोग में लिया जा सकता है।

कटाई का समय

Bitter Gourd Plants बुआई के ६० से ८० दिन के अंदर करेले में लगने शुरू हो जायेंगे। जब करेले के फ़ल 4-5 इंच लंबे और गहरे हरे रंग के हो जाएं तो उनकी तुड़ाई शुरू कर दें। क्योंकि यदि आपने करले के फलों को इससे ज़्यादा दिनों तक बेल पर पकने के लिए छोड़ दिया तो उनका रंग बदलकर नारंगी रंग हो जाएगा यानि वो पक जायेंगे और साथ ही साथ वो स्वादहीन हो जाएंगे। पूरे सीज़न में नए करले के फलों को अधिक मात्रा में पाने के लिए करेले के फलों को हर 2-3 दिन में तेज चाकू या धारदार हथियार से इसको कटाई अवश्य करें।

हमारे कहने का मतलब यह है कि करेले को सही समय पर इसकी तुड़ाई अवश्य की जाये । जिस समय फल न तो बहुत छोटा हो, और न ही बहुत बड़ा हो, न की बहुत सख्त और रेशेदार होने के बाद इसकी तुड़ाई की जाये । करेले के फल ठंडे मौसम वाले क्षेत्रों की तुलना में गर्म क्षेत्रों में दोगुनी तेजी से पकता है।



नोट : यह विधि हमारे वेबसाइट पर उपलब्ध Bitter Gourd Seeds पर अपनाई गई हैं दूसरे बीज़ पर यह विधि काम करने की हम जिम्मेदारी नहीं लेते हैं अधिक जानकारी के लिए हमारे हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें और साथ ही ये जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो जानकारी को शेयर जरूर करें

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